डायनासोर की छोटी भुजाओं का कारण
डायनासोर, खासकर टी. रेक्स (Tyrannosaurus rex) जैसे थेरोपॉड प्रजातियों की छोटी भुजाएँ लंबे समय से वैज्ञानिकों के लिए जिज्ञासा का विषय रही हैं। वैज्ञानिकों ने इसके पीछे कई कारण सुझाए हैं, जो इस प्रकार हैं:
1. शरीर का संतुलन बनाए रखना
टी. रेक्स का सिर बड़ा और ताकतवर था, जिसका वजन काफी अधिक होता था। ऐसे में उनकी भुजाएँ छोटी होने से उनके शरीर का संतुलन बनाए रखने में मदद मिली। यदि उनकी भुजाएँ बड़ी होतीं, तो उनका वजन आगे की ओर ज्यादा हो जाता और चलने में समस्या होती।
2. मुख्य हथियार के रूप में जबड़े का उपयोग
टी. रेक्स जैसे शिकारी डायनासोर शिकार करने और मांस को काटने के लिए अपने शक्तिशाली जबड़ों पर निर्भर रहते थे। उनकी छोटी भुजाओं की उपयोगिता कम हो गई, क्योंकि उनके जबड़े और दांत ही उनके मुख्य हथियार बन गए थे।
3. विशिष्ट कार्यों के लिए छोटी भुजाएँ
वैज्ञानिकों का मानना है कि उनकी छोटी भुजाएँ पूरी तरह बेकार नहीं थीं। उनका उपयोग कुछ विशेष कार्यों में हो सकता था, जैसे:
शिकार को पास लाने और पकड़ने में सहायता करना।
संभोग (mating) के दौरान साथी को पकड़ने या संतुलन बनाए रखने में।
यदि वे गिर जाते, तो शायद अपनी छोटी भुजाओं की मदद से उठने की कोशिश करते।
4. चोट और नुकसान से बचाव
बड़े और लंबे हाथों में चोट लगने का खतरा ज्यादा रहता है, खासकर जब डायनासोर अपने शिकार के साथ संघर्ष कर रहे हों। छोटे हाथों की वजह से यह खतरा काफी हद तक कम हो जाता था।
5. विकासवादी प्रक्रिया का परिणाम
यह भी संभव है कि विकास (evolution) के दौरान डायनासोर की भुजाएँ कम उपयोगी होती गईं। उनके लिए अधिक महत्वपूर्ण काम जैसे शिकार करना और जीवित रहना उनके सिर और जबड़ों द्वारा पूरे हो रहे थे। इसी वजह से भुजाएँ धीरे-धीरे छोटी हो गईं। इंसानों में भी कुछ अंग जैसे पूंछ हड्डी (tailbone) अब ज्यादा उपयोग में नहीं आते, जो इसी तरह का उदाहरण है।
6. आकार और भूमिका का अनुकूलन
डायनासोर की प्रजातियों में उनके शरीर का हर हिस्सा उनकी भूमिका और पर्यावरण के हिसाब से विकसित हुआ। उनकी छोटी भुजाएँ उनके विशाल और ताकतवर शरीर का हिस्सा थीं, जो उन्हें सफल शिकारी बनने में मदद करती थीं। यह उनके जीवन चक्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था।
7. अन्य प्रजातियों के साथ तुलना
अन्य डायनासोर प्रजातियों जैसे अलोसोर्स (Allosaurus) और गिगैनोटोसॉरस (Giganotosaurus) की भुजाओं की तुलना में टी. रेक्स की भुजाएँ अधिक छोटी थीं। इससे यह पता चलता है कि हर प्रजाति का विकास उसके वातावरण और शिकार की शैली पर निर्भर करता था।
इन सभी कारणों को मिलाकर वैज्ञानिक आज भी डायनासोर की छोटी भुजाओं के रहस्य को और गहराई से समझने की कोशिश कर रहे हैं। हर नई खोज इस विषय पर हमारी समझ को और बेहतर बनाती है।