फिल्में आमतौर पर शुक्रवार को ही रिलीज की जाती हैं क्योंकि इसके पीछे कई व्यावसायिक और सांस्कृतिक कारण हैं। यहाँ इसकी पूरी जानकारी दी गई है:
1. सप्ताहांत का प्रभाव
- शुक्रवार को रिलीज करने से फिल्म को वीकेंड (शनिवार और रविवार) का पूरा फायदा मिलता है।
- वीकेंड पर ज्यादातर लोग छुट्टी पर होते हैं, जिससे वे अपने परिवार और दोस्तों के साथ फिल्म देखने जा सकते हैं।
- इससे फिल्म के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन को शुरुआती तीन दिनों में बढ़ावा मिलता है।
2. शुक्रवार से नए हफ्ते की शुरुआत
- भारत में व्यापारिक दृष्टिकोण से शुक्रवार को नए हफ्ते की शुरुआत मानी जाती है।
- इससे फिल्म के ओपनिंग वीकेंड के प्रदर्शन का अच्छा आकलन हो जाता है, और फिल्ममेकर्स को यह समझने में मदद मिलती है कि फिल्म का कलेक्शन कैसा होगा।
3. ऐतिहासिक और धार्मिक पहलू
- भारत में शुक्रवार को शुभ दिन माना जाता है।
- इस दिन को लक्ष्मी जी का दिन माना जाता है, जो धन और समृद्धि की देवी हैं।
- इसलिए, फिल्म निर्माताओं को यह विश्वास होता है कि शुक्रवार को रिलीज करने से उनकी फिल्म को सफलता मिलेगी।
4. प्रमोशन और मार्केटिंग का समय
- सोमवार से गुरुवार तक फिल्म का प्रचार-प्रसार (प्रमोशन) किया जाता है।
- शुक्रवार को रिलीज होने का मतलब है कि फिल्म की चर्चा और प्रचार का शिखर उस समय होता है जब लोग फिल्म देखने की योजना बनाते हैं।
5. वैश्विक प्रथा का अनुसरण
- भारत के अलावा, अमेरिका और अन्य देशों में भी फिल्में शुक्रवार को ही रिलीज होती हैं।
- यह परंपरा भारत में भी अपनाई गई है, ताकि दर्शकों के लिए एक नियमित दिन तय किया जा सके।
6. कार्य सप्ताह के बाद आराम का समय
- ज्यादातर लोग शुक्रवार को अपने कार्य सप्ताह के बाद थोड़ा आराम करना पसंद करते हैं।
- फिल्म देखना मनोरंजन का एक अच्छा साधन होता है, जो शुक्रवार की शाम को शुरू होता है और वीकेंड पर जारी रहता है।
निष्कर्ष:
फिल्मों को शुक्रवार को रिलीज करने का मुख्य उद्देश्य अधिकतम दर्शकों को थिएटर तक लाना और शुरुआती दिनों में अधिक कमाई करना होता है। यह परंपरा अब इतनी लोकप्रिय हो चुकी है कि इसे फिल्म इंडस्ट्री का एक अभिन्न हिस्सा माना जाता है।