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भारत के पहले आईपीएस (IPS) अधिकारी का नाम सत्येंद्रनाथ टैगोर था। वे भारत के पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने भारतीय सिविल सेवा (ICS), जिसे अब भारतीय पुलिस सेवा (IPS) कहा जाता है, में 1863 में प्रवेश किया था। सत्येंद्रनाथ टैगोर प्रसिद्ध कवि और नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर के बड़े भाई थे।

सत्येंद्रनाथ टैगोर का परिचय:

  1. जन्म: सत्येंद्रनाथ टैगोर का जन्म 1 जून 1842 को हुआ था।
  2. परिवार: वे एक शिक्षित और प्रतिष्ठित बंगाली परिवार से थे। उनके पिता देबेन्द्रनाथ टैगोर एक प्रसिद्ध समाज सुधारक थे।
  3. शिक्षा: सत्येंद्रनाथ टैगोर ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कोलकाता में प्राप्त की और आगे की पढ़ाई के लिए इंग्लैंड गए, जहाँ उन्होंने 1863 में आईसीएस की परीक्षा पास की। यह परीक्षा उस समय भारतीयों के लिए बहुत कठिन मानी जाती थी।
  4. कार्यकाल: सत्येंद्रनाथ टैगोर को बंबई प्रेसीडेंसी में नियुक्त किया गया। उन्होंने पुलिस और प्रशासनिक सेवाओं में अपने कार्यों से अपनी छवि बनाई।
  5. योगदान: उन्होंने ब्रिटिश शासन के दौरान प्रशासन में भारतीयों के लिए स्थान बनाने का मार्ग प्रशस्त किया और अन्य भारतीयों को इस दिशा में प्रेरित किया।
  6. निधन: उनका निधन 9 जनवरी 1923 को हुआ।

भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के बारे में पूरी जानकारी:

भारतीय पुलिस सेवा (IPS) भारत की तीन अखिल भारतीय सेवाओं (All India Services) में से एक है। यह सेवा देश की आंतरिक सुरक्षा और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होती है।

1. स्थापना:

  • भारतीय पुलिस सेवा का गठन 1948 में हुआ, जब इसे औपचारिक रूप से भारतीय सिविल सेवा (ICS) से अलग किया गया।

2. प्रशिक्षण:

  • आईपीएस अधिकारियों को हैदराबाद स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी (SVPNPA) में प्रशिक्षित किया जाता है।
  • प्रशिक्षण में कानून, आंतरिक सुरक्षा, अनुसंधान, खुफिया, साइबर अपराध और नेतृत्व कौशल पर ध्यान दिया जाता है।

3. कार्य और जिम्मेदारियाँ:

  • देश की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करना।
  • कानून और व्यवस्था बनाए रखना।
  • अपराधों की जांच करना।
  • आतंकवाद, नशीले पदार्थों की तस्करी, साइबर अपराध, और संगठित अपराधों से निपटना।
  • वीआईपी सुरक्षा और आपदा प्रबंधन में योगदान देना।

4. चयन प्रक्रिया:

  • आईपीएस अधिकारी बनने के लिए संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा पास करनी होती है।
  • परीक्षा तीन चरणों में होती है: प्रारंभिक (Preliminary), मुख्य परीक्षा (Mains), और साक्षात्कार (Interview)।

5. पद और रैंक:

आईपीएस अधिकारियों को अलग-अलग रैंक और पद दिए जाते हैं जैसे:

  • एएसपी (ASP) – सहायक पुलिस अधीक्षक
  • एसपी (SP) – पुलिस अधीक्षक
  • डीआईजी (DIG) – उप महानिरीक्षक
  • आईजी (IG) – महानिरीक्षक
  • डीजीपी (DGP) – पुलिस महानिदेशक (राज्य का सर्वोच्च पुलिस अधिकारी)

6. महत्वपूर्ण योगदान:

  • आईपीएस अधिकारी आतंकवाद, दंगों और आपराधिक गतिविधियों को रोकने में अहम भूमिका निभाते हैं।
  • वे भारतीय खुफिया एजेंसियों जैसे सीबीआई (CBI), एनआईए (NIA), रॉ (RAW) आदि में भी कार्यरत होते हैं।

आईपीएस अधिकारियों का मुख्य उद्देश्य देश के नागरिकों के अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा करना और देश में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

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