108 को शुभ क्यों माना जाता है?

 

108 नंबर के बारे में तथ्य और जानकारी (साधारण हिंदी में)

108 नंबर को भारत और दुनिया में कई धार्मिक, आध्यात्मिक और वैज्ञानिक संदर्भों में खास महत्व दिया जाता है। यह अंक कई जगहों पर शुभ और पवित्र माना जाता है। आइए, इसके बारे में विस्तार से जानते हैं:

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1. धर्म और आध्यात्म में महत्व

  1. माला के 108 दाने: हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म और जैन धर्म में जप माला में 108 दाने होते हैं। इसका उपयोग मंत्र जाप के लिए किया जाता है।
  2. मंत्र जाप: 108 बार मंत्र का जाप करने से इसे पूर्ण माना जाता है।
  3. देवताओं के नाम: कई देवताओं के 108 नाम (अष्टोत्तर शतनाम) होते हैं।
  4. पवित्र स्थलों की संख्या: भारत में 108 दिव्यदेशम (विष्णु भगवान के मंदिर) और कई अन्य धार्मिक स्थलों की संख्या भी 108 मानी जाती है।
  5. योग और ध्यान: योग में 108 ऊर्जा केंद्रों (नाड़ी) का जिक्र होता है। इसे शरीर और आत्मा को जोड़ने वाला माना जाता है।

2. विज्ञान और खगोल विज्ञान में महत्व

  1. सूर्य और पृथ्वी का संबंध: सूर्य का व्यास पृथ्वी के व्यास का लगभग 108 गुना है।
  2. चंद्रमा और पृथ्वी का संबंध: चंद्रमा पृथ्वी से उसकी दूरी का लगभग 108 गुना है।
  3. गणित में अद्वितीय संख्या: 108 एक खास संख्या है जिसमें कई गुणनफल छुपे होते हैं।

3. आयुर्वेद में उपयोग

  • आयुर्वेद में 108 प्रकार के मार्म (महत्वपूर्ण बिंदु) बताए गए हैं, जो शरीर के ऊर्जा केंद्र माने जाते हैं।

4. अन्य रोचक तथ्य

  1. भारतीय संस्कृति में उपयोग: नृत्य और संगीत में भी 108 का जिक्र होता है।
  2. ज्योतिष में: ज्योतिष में 12 राशियों और 9 ग्रहों का गुणनफल 108 होता है।
  3. मार्शल आर्ट्स: कुछ पारंपरिक मार्शल आर्ट्स में 108 तकनीकों का अभ्यास किया जाता है।

108 को शुभ क्यों माना जाता है?

108 को अध्यात्म, विज्ञान और गणित में पूर्णता का प्रतीक माना गया है। यह शरीर, मन और आत्मा की त्रिवेणी का भी प्रतीक है।

निष्कर्ष

108 सिर्फ एक संख्या नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा प्रतीक है जो जीवन के हर पहलू से जुड़ा हुआ है। चाहे वह धर्म हो, विज्ञान हो, या योग, 108 का महत्व हर जगह देखा जा सकता है।


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