अस्पताल में नर्स को "सिस्टर" क्यों कहते हैं?
1. नर्स को "सिस्टर" कहने का कारण
अस्पतालों में नर्सों को "सिस्टर" कहने की परंपरा ईसाई धर्म से जुड़ी हुई है। पुराने समय में, जब अस्पतालों और चिकित्सा सेवाओं की व्यवस्था चर्चों और धार्मिक संगठनों द्वारा की जाती थी, तब देखभाल करने वाली महिलाएँ मुख्य रूप से नन्स (nuns) होती थीं। कैथोलिक चर्च में नन्स को "सिस्टर" कहा जाता है, और यही परंपरा धीरे-धीरे नर्सिंग प्रोफेशन में आ गई।
2. सबसे पहले नर्स को "सिस्टर" किसने कहा?
नर्सों को "सिस्टर" कहने की परंपरा की शुरुआत यूरोप में हुई।
- फ्लोरेंस नाइटिंगेल (1820-1910) को आधुनिक नर्सिंग का जनक माना जाता है।
- उन्होंने क्रीमियन युद्ध (1853-1856) के दौरान घायल सैनिकों की देखभाल की और नर्सिंग को संगठित रूप दिया।
- उनकी प्रेरणा से कई देशों में नर्सिंग ट्रेनिंग शुरू हुई और चर्च से जुड़ी महिलाएँ इसमें आगे आईं।
- चूंकि वे धार्मिक संगठनों से जुड़ी थीं, इसलिए उन्हें "सिस्टर" कहा जाने लगा।
3. भारत में "सिस्टर" कहने की परंपरा
भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान पश्चिमी चिकित्सा प्रणाली आई।
- ब्रिटिश शासन के दौरान अस्पतालों में नर्सिंग व्यवस्था कैथोलिक मिशनरीज़ के तहत विकसित हुई।
- अधिकतर नर्सें चर्च से जुड़ी होती थीं, इसलिए उन्हें "सिस्टर" कहा जाने लगा।
- यह परंपरा बाद में आम हो गई और आज भी अस्पतालों में नर्सों को "सिस्टर" कहा जाता है, भले ही वे धार्मिक संगठनों से न जुड़ी हों।
4. नर्सिंग पेशे में सिस्टर शब्द की महत्ता
- "सिस्टर" शब्द नर्सों के सेवा, समर्पण और करुणा को दर्शाता है।
- यह रोगियों के प्रति उनके स्नेहपूर्ण व्यवहार और देखभाल को इंगित करता है।
- कई देशों में आज "सिस्टर" शब्द की जगह "नर्स" शब्द का उपयोग किया जाता है, लेकिन भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका आदि देशों में यह परंपरा अब भी जारी है।
निष्कर्ष
नर्सों को "सिस्टर" कहने की परंपरा धार्मिक मिशनरी ननों से जुड़ी हुई है, जिन्होंने सेवा और देखभाल को बढ़ावा दिया। भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान यह परंपरा आई और आज भी इसे सम्मान और स्नेह के प्रतीक के रूप में प्रयोग किया जाता है।