IPv4 और IPv6 इंटरनेट प्रोटोकॉल (IP) | IPV4 And IPV6 Full Form | IP Address Kya Hai |

 


IPv4 और IPv6 इंटरनेट प्रोटोकॉल (IP) के दो अलग-अलग संस्करण हैं, जो कंप्यूटर, स्मार्टफोन, और अन्य उपकरणों को नेटवर्क (जैसे इंटरनेट) पर एक-दूसरे से संवाद करने में सक्षम बनाते हैं। नीचे दोनों के बारे में विस्तार से बताया गया है:


IPv4 (Internet Protocol Version 4)

परिभाषा:

IPv4 इंटरनेट प्रोटोकॉल का चौथा संस्करण है और यह इंटरनेट पर सबसे अधिक उपयोग किया जाने वाला प्रोटोकॉल है। इसका उपयोग उपकरणों को नेटवर्क पर पहचानने के लिए किया जाता है।

विशेषताएँ:

  1. एड्रेस फॉर्मेट:

    • IPv4 का पता 32-बिट (bit) का होता है।
    • इसे 4 भागों में विभाजित किया जाता है, जिसे दशमलव में दर्शाया जाता है।
    • उदाहरण: 192.168.1.1
  2. एड्रेस स्पेस:

    • IPv4 के कुल 4.3 अरब (4.3 billion) अद्वितीय IP पते हो सकते हैं।
    • लेकिन इंटरनेट पर उपकरणों की बढ़ती संख्या के कारण, IPv4 के पते लगभग समाप्त हो चुके हैं।
  3. प्रोटोकॉल:

    • यह कनेक्शनलेस प्रोटोकॉल है।
    • डेटा को छोटे पैकेट्स में तोड़कर भेजता है।
  4. नुकसान:

    • IPv4 एड्रेस की कमी।
    • सुरक्षा की कम सुविधाएं।

IPv6 (Internet Protocol Version 6)

परिभाषा:

IPv6 इंटरनेट प्रोटोकॉल का छठा संस्करण है, जिसे IPv4 की सीमाओं को दूर करने और भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए विकसित किया गया है।

विशेषताएँ:

  1. एड्रेस फॉर्मेट:

    • IPv6 का पता 128-बिट (bit) का होता है।
    • इसे 8 समूहों में विभाजित किया जाता है और प्रत्येक समूह को 16-आधार (hexadecimal) में लिखा जाता है।
    • उदाहरण: 2001:0db8:85a3:0000:0000:8a2e:0370:7334
  2. एड्रेस स्पेस:

    • IPv6 के कुल 340 undecillion (10^38) अद्वितीय IP पते हो सकते हैं।
    • यह IPv4 की तुलना में असीमित एड्रेसिंग क्षमता प्रदान करता है।
  3. प्रोटोकॉल:

    • IPv6 अधिक सुरक्षित और कुशल है।
    • डेटा के पैकेट्स को बेहतर तरीके से प्रबंधित करता है।
  4. फायदे:

    • बड़ी एड्रेसिंग क्षमता।
    • बेहतर सुरक्षा (IPsec का इनबिल्ट समर्थन)।
    • डेटा ट्रांसमिशन में तेज़ी।
  5. उपयोग:

    • भविष्य में सभी डिवाइस IPv6 को अपनाएंगे।

IPv4 और IPv6 के बीच अंतर

विशेषताएँ IPv4 IPv6
बिट साइज 32-बिट 128-बिट
एड्रेस फॉर्मेट दशमलव (Decimal) हेक्साडेसिमल (Hexadecimal)
एड्रेस स्पेस 4.3 अरब एड्रेस 340 undecillion एड्रेस
सुरक्षा कम उच्च
गति और प्रदर्शन तुलनात्मक रूप से धीमा तेज और कुशल

IPv4 से IPv6 में बदलाव क्यों आवश्यक है?

  1. पता खत्म होना:
    IPv4 के पते सीमित हैं, और इंटरनेट पर डिवाइस की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
  2. बेहतर सुरक्षा:
    IPv6 IPsec के साथ आता है, जो डेटा ट्रांसमिशन को सुरक्षित बनाता है।
  3. भविष्य की जरूरतें:
    स्मार्ट डिवाइस और IoT (Internet of Things) के युग में IPv6 आवश्यक हो गया है।

निष्कर्ष:

IPv4 आज भी उपयोग में है, लेकिन इसकी सीमाओं के कारण, IPv6 तेजी से मुख्यधारा में आ रहा है। इंटरनेट की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने और उपकरणों को जोड़ने के लिए IPv6 एक स्थायी समाधान है।

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